भूकंप के झटकों से दहला दिल्ली-एनसीआर, रिक्टर स्केल पर 4.1 तीव्रता
दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के तेज झटके लगे हैं. सुबह 9 बजकर 4 मिनट पर भूकंप आया. काफी देर तक भूकंप के झटके महसूस किए गए. भूकंप की तीव्रता 4.1 थी. भूकंप का केंद्र हरियाणा का झज्जर था. भूकंप के झटके महसूस करने के बाद लोग अपने घरों के बाहर आ गए.
भूकंप के दौरान कुछ देर के लिए मेट्रो का संचालन रोका गया था. अब फिर से मेट्रो नॉर्मल है. दिल्ली-NCR के कई इलाकों में पंखे और घर का सामान हिलने लगा तो लोग घरों से बाहर निकल आए. नोएडा और गुरुग्राम के दफ्तरों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए, जहां कंप्यूटर सिस्टम हिल गए और कर्मचारियों को भी भूकंप का अहसास हुआ.
यूपी के मेरठ में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए. बुलंदशहर में भी झटके महसूस किए गए. इसके अलावा बागपत और बड़ौत में भूकंप के तेज झटके महसूस हुए.
दिल्ली-NCR में इस साल 17 फरवरी को भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. सुबह पौने छह बजे के करीब राजधानी में एक कंपन हुई. रिक्टर स्केल पर 4.0 तीव्रता वाले भूकंप का केंद्र दिल्ली के धौला कुआं के पास था. जमीन से करीब पांच किलोमीटर नीचे भूकंप का केंद्र माना गया. भूकंप से जान-माल का कोई नुकसान तो नहीं रिपोर्ट किया गया. मगर लोग दहसत और डर में जरूर आ गए.
दिल्ली में क्यों भूकंप आने की आशंका ज्यादा रहती है?
दिल्ली देश के उन चुनिंदा इलाकों में है जहां भूकंप का खतरा काफी ज्यादा है. भूकंप की तीव्रता के आधार पर भारत में चार भूकंपीय क्षेत्र हैं. चूंकि, दिल्ली सिस्मिक जोन IV में उत्तराखंड के नैनीताल, पीलीभीत, रुड़की, बिहार के पटना, उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर, गोरखपुर, सिक्किम के गंगटोक, पंजाब के अमृतसर की तरह आता है, यहां जोखिम ज्यादा बना रहता है. दिल्ली में अगर ज्यादा तेज भूकंप आया तो इसकी तीव्रता 6 से 6.9 तक हो सकती है.
दिल्ली हिमालय के नजदीक है. भारत और यूरेशिया जैसी टेक्टॉनिक प्लेटों के मिलने से बनने के कारण धरती के भीतर की प्लेटों में होने वाली हलचल का खामियाजा दिल्ली को भुगतना पड़ सकता है. इसलिए नेपाल, तिब्बत के असर भारत पर पड़ते हैं. लिहाजा, इन इलाकों में आने वाला भूकंप भी दिल्ली को हिला जाता है.