क्या एक शराब का व्यापार करने वाली कंपनी प्रतिष्ठित हो सकती है? आईये समझते हैं
Pankaj Singh Bhadoriya
भारत में शराब प्रतिबंध की पृष्ठभूमि
भारत में शराब पर प्रतिबंध लगाने के प्रयास महात्मा गांधी के विचारों से प्रभावित रहे हैं। गांधी ने शराब के सेवन को एक बुरी आदत से अधिक, एक बीमारी के रूप में देखा। भारत की स्वतंत्रता के बाद, गांधीवादी विचारधारा को मानने वालों ने शराब पर प्रतिबंध लगाने की मांग जारी रखी। इन प्रयासों के परिणामस्वरूप भारतीय संविधान में *अनुच्छेद 47* को शामिल किया गया, जो राज्य को मादक पदार्थों के सेवन को रोकने के लिए दिशा-निर्देश देता है।
देश के कई राज्यों ने शराब पर प्रतिबंध लागू करने की कोशिश की है। उदाहरण के लिए,
*हरियाणा* ने शराबबंदी के कई प्रयास किए, लेकिन अवैध शराब के उत्पादन और तस्करी को नियंत्रित करने में असमर्थ रहने के कारण इसे वापस लेना पड़ा। इससे जहरीली शराब के कारण कई लोगों की मौत भी हुई।इसके अलावा झारखण्ड में भी ऐसे ही हॉल देखने को मिल रहे हैं। *गुजरात में 1 मई 1960 से शराबबंदी लागू है*, लेकिन इसके बावजूद वहां काला बाज़ार के माध्यम से शराब की बिक्री जारी है।