ऑपरेशन सिंदूर के बाद जामिया का बड़ा कदम, तुर्की के साथ सभी समझौते रद्द

नई दिल्ली: जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय (जेएनयू) के बाद अब दिल्ली स्थित जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय ने भी "आपरेशन सिंदूर" के बाद तुर्की के शिक्षण संस्थानों के बीच समझौते को अगले आदेश तक के लिए निलंबित कर दिया है. जामिया द्वारा दी गई सूचना में कहा गया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर जामिया मिलिया इस्लामिया और तुर्की गणराज्य की सरकार से संबंद्ध किसी भी संस्थान के बीच किसी भी समझौते को अगले आदेश तक निलंबित किया जाता है.
जामिया मिलिया इस्लामिया ने एक्स पर लिखा है कि वह राष्ट्र के साथ मजबूती से खड़ा है. इससे पहले बुधवार को जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए तुर्की की विश्वविद्यालय के साथ हुए शैक्षणिक करार को रद कर दिया था. हालांकि जामिया मिलिया इस्लामिया ने अन्य देशों के विश्वविद्यालयों के साथ साझेदारी बनाए रखी है, वैश्विक शैक्षणिक संवाद को बढ़ावा दिया है और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को बढ़ावा दिया है.
उधर, तुर्की के सामानों का बहिष्कार करने की भी धमकी कई व्यापारिक संगठनों ने दी है. शुक्रवार को नई दिल्ली में देश के व्यापारी नेता तुर्की और अज़रबैजान से व्यापार बॉयकॉट को लेकर निर्णय लेंगे. कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने कल नई दिल्ली में देश के विभिन्न राज्यों के प्रमुख व्यापारी नेताओं की एक राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस बुलाई है जिसमें पाकिस्तान का समर्थन करने के कारण तुर्की एवं अजरबेजान के साथ व्यापारियों द्वारा सभी वस्तुओं का आयात-निर्यात व्यापार बंद किए जाने पर निर्णय लिया जाएगा.
कैट का कहना है कि जो भी देश भारत के खिलाफ है, उसके साथ व्यापार करने का कोई सवाल ही नहीं है और देश के व्यापारियों द्वारा अपनी देशभक्ति को प्रदर्शित करने का यही समय है. पूरे देश के साथ व्यापारी भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एकजुट होकर खड़े हैं. कॉन्फ्रेंस में भारत की सेनाओं के शौर्य एवं पराक्रम के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए देश भर में तिरंगा यात्रा का आयोजन एवं ई कॉमर्स कंपनियों द्वारा भारत के व्यापार की हड़पने के ख़िलाफ़ भी बड़े निर्णय लिए जाएंगे.