ED : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) इलाहाबाद उप-क्षेत्रीय कार्यालय ने 15 जुलाई को को एक अनंतिम कुर्की आदेश जारी किया है, जिसमें मेसर्स स्पेक्ट्रम इंफ्रासर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड (उत्तर प्रदेश के घोसी निर्वाचन क्षेत्र के पूर्व सांसद अतुल राय के स्वामित्व और नियंत्रण वाली कंपनी) और जितेंद्र सपरा की 4.18 करोड़ रुपये मूल्य की 06 अचल संपत्तियों को कुर्क किया गया है। यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत मेसर्स विकास कंस्ट्रक्शन (दिवंगत मुख्तार अंसारी द्वारा नियंत्रित कंपनी) और अन्य से जुड़ी धन शोधन जांच का हिस्सा है। ईडी द्वारा कुर्क की गई अचल संपत्तियों में नई दिल्ली में 01 आवासीय अपार्टमेंट, वाराणसी में 03 आवासीय भूखंड और उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में स्थित 02 कृषि भूमि शामिल हैं।

ईडी ने मऊ के दक्षिण टोला पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर के आधार पर अपनी जांच शुरू की थी। एफआईआर की समीक्षा से पता चला है कि मेसर्स विकास कंस्ट्रक्शन, गाजीपुर ने रैनी गांव, मऊ में स्थित सरकारी जमीन पर अतिक्रमण किया था और उस पर अवैध रूप से एक गोदाम का निर्माण किया था। इसी तरह, गाजीपुर में एक और गोदाम बनाया गया और भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) को पट्टे पर दिया गया। इससे सरकारी जमीन पर गोदाम बनाकर और एफसीआई से किराया प्राप्त करके अपराध की आय (पीओसी) अर्जित की गई। कुल किराया 15.31 करोड़ रुपये (लगभग) था। नाबार्ड से गोदाम निर्माण के लिए सब्सिडी के रूप में 2.25 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय प्राप्त की गई। मेसर्स विकास कंस्ट्रक्शन के पूर्व साझेदारों से 3.10 करोड़ रुपये (लगभग) अवैध रूप से विनियोजित किए गए। 

जांच में क्या-क्या आया सामने?

ईडी की जांच से पता चला है कि मेसर्स विकास कंस्ट्रक्शन फर्म दिवंगत मुख्तार अंसारी के प्रभाव में संचालित की गई थी, जिसमें उनके करीबी रिश्तेदार और सहयोगी साझेदार थे। इनमें आतिफ रजा (उनके बहनोई) भी शामिल थे, जिनकी फर्म में 15% हिस्सेदारी थी। दिवंगत मुख्तार अंसारी के संबंध में पुलिस अधिकारियों द्वारा उपलब्ध कराए गए डोजियर के अनुसार, उनके खिलाफ विभिन्न पुलिस थानों में हत्या, जबरन वसूली और जमीन हड़पने से संबंधित कुल 49 आपराधिक मामले दर्ज किए गए थे।

वहीं आगे की जांच से संकेत मिलता है कि मेसर्स विकास कंस्ट्रक्शन से उत्पन्न लगभग 8.49 करोड़ रुपये की पीओसी, मेसर्स आगाज़ प्रोजेक्ट एंड इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स इनिज़ियो नेटवर्क सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड के बैंक खातों में जमा की गई थी। दोनों कंपनियां दिवंगत मुख्तार अंसारी और उनके रिश्तेदारों/सहयोगियों के स्वामित्व और नियंत्रण में थीं।

इन निधियों को नियमित खर्चों के बहाने व्यावसायिक खातों के माध्यम से भेजा गया, ताकि अवैध धन को औपचारिक बैंकिंग प्रणाली में एकीकृत किया जा सके और उनके मूल को छुपाया जा सके। इसके बाद, यह राशि मेसर्स कुसुमविजन इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स स्पेक्ट्रम इंफ्रासर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स कुसुम कंस्ट्रक्शन एंड टेलीकॉम सर्विसेज के बैंक खातों में स्थानांतरित कर दी गई। ये कंपनियां अतुल राय, पूर्व सांसद के स्वामित्व और नियंत्रण में हैं। 

एक व्यावसायिक लेनदेन व्यवस्था के हिस्से के रूप में, जिसे अब एक लेयरिंग प्रक्रिया के हिस्से के रूप में स्थापित किया गया है। इसके अतिरिक्त, मेसर्स विकास कंस्ट्रक्शन, आतिफ रजा (आरोपी), मेसर्स आगाज़ प्रोजेक्ट एंड इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स इनिज़ियो नेटवर्क सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड से जितेंद्र सपरा और उनके परिवार के सदस्यों के बैंक खातों में 1 करोड़ रुपये का पीओसी स्थानांतरित किया गया। इसके बाद इस पैसे का इस्तेमाल अचल संपत्तियां खरीदने के लिए किया गया, जिन्हें अब कुर्क कर लिया गया है।