भोपाल। राजधानी भोपाल में एक बार फिर अपहरण, मारपीट और झूठे आबकारी प्रकरण में फंसाने का मामला सामने आया है। पीड़ित परिवारों की ओर से दो अलग-अलग शिकायतें पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को सौंपी गई हैं, जिनमें सोम शराब कंपनी से जुड़े गुंडों पर नाबालिग लड़कों को उठाने, मारने और झूठे केस में फंसाने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं। आरोप है कि पुलिस और आबकारी विभाग भी इन आरोपियों के साथ मिलीभगत करके निर्दोषों को प्रताड़ित कर रहे हैं।

पहला मामला – 17 वर्षीय लड़के को अगवा कर जबरन केस दर्ज

बैहटा गांव बैरागढ़ निवासी चमेली मेवाड़ा ने अपने नाबालिग बेटे के साथ हुए घटना की पूरी जानकारी पुलिस अधिकारियों को एक लिखित पत्र में दी है। उनका कहना है कि 26 जून 2025 को उनका 17 वर्षीय बेटा एक्टिवा गाड़ी से भोपाल आया था। हनुमानगंज क्षेत्र में गाड़ी सुधरवाने के दौरान सोम शराब कंपनी से जुड़े बदमाशों ने बेटे का अपहरण कर लिया और शाहजहानाबाद थाने के सामने खड़ी बोलेरो में जबरदस्ती बैठा लिया। आरोपियों में गट्टू, रतन, मांडा, भानू, रज्जू और खान के नाम शामिल हैं।
बेटे के साथ रास्ते में बेरहमी से मारपीट की गई और फिर आबकारी कंट्रोल रूम ले जाकर धारा 34(2) में झूठा केस दर्ज किया गया।

चमेली मेवाड़ा का आरोप है कि जब वह मौके पर पहुंचीं, तो उनसे कोरे कागज पर जबरन अंगूठा लगवाया गया। रात 1:30 बजे बेटे को छोड़ा गया, तब तक उसका पूरा शरीर चोटों से घायल हो चुका था। 27 जून को उन्हें अज्ञात नंबर से धमकी भी मिली कि वे इस मामले की शिकायत न करें।

दूसरा मामला – अपहरण की घटना सीसीटीवी में कैद, पुलिस ने नहीं सुनी बात

एक अन्य शिकायत संतोष खटीक ने कमिश्नर, डीसीपी और कोहेफिजा थाना प्रभारी को दी है। उनके मुताबिक, 28 जून की रात 1:20 बजे बरखेड़ी क्षेत्र में संजय बेकरी के सामने उन्होंने अपनी आंखों से एक युवक (आकाश) को चार बदमाशों द्वारा जबरन गिराकर, मारपीट कर उठाते हुए देखा।

यह पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद है। आरोप है कि युवक को कोहेफिजा थाना क्षेत्र से जबरदस्ती उठाकर श्यामला हिल्स थाना ले जाया गया और वहां धारा 34(2) में केस बना दिया गया।

घटना की जानकारी तुरंत कोहेफिजा थाना और कंट्रोल रूम को देने के बावजूद पुलिस ने कोई सुनवाई नहीं की। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि जिन लोगों ने आकाश को उठाया, वे सोम कंपनी से जुड़े कथित गुंडे गट्टू रनन, लक्की सरदार और माड़ा हैं।

उठ रहे कई गंभीर सवाल

  •    एक्टिवा से सब्जी ले जा रहे युवकों के खिलाफ 7 पेटी शराब का केस कैसे बना?
  •    सीसीटीवी फुटेज में पूरी घटना दर्ज होने के बावजूद पुलिस कार्रवाई क्यों नहीं कर रही?
  •    क्या आबकारी विभाग और पुलिस कंपनियों के इशारे पर निर्दोषों को फंसा रहे हैं?

पीड़ितों की मांग – निष्पक्ष जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई

पीड़ितों ने पुलिस प्रशासन से मांग की है कि इस मामले की गंभीरता से जांच की जाए, सीसीटीवी फुटेज के आधार पर सच सामने लाया जाए और दोषियों को कड़ी सज़ा दी जाए। परिजनों का आरोप है कि यह कोई पहली घटना नहीं है, इससे पहले भी ऐसी घटनाओं को अंजाम देकर निर्दोषों को झूठे केस में फंसाया गया है।

पुलिस की चुप्पी, प्रशासन की कार्रवाई पर उठ रहे सवाल

इस पूरे मामले में अब तक स्थानीय पुलिस की ओर से कोई ठोस कार्रवाई या बयान सामने नहीं आया है, जिससे पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठने लगे हैं। पीड़ित परिवारों ने राज्य के उच्च अधिकारियों और मानवाधिकार आयोग से हस्तक्षेप की मांग की है।