भोपाल। इनकम टैक्स के छापों से रडार पर आया राजेश शर्मा का पार्टनर मोटर साइकिल से चलने वाला माइनिंग कारोबारी महेंद्र गोयनका एवं उसका भाई मनीष गोयनका महज 15 वर्षो में हजारों,करोड़ों का आसामी बन गया। महेन्द्र गोयनका का व्यापार देश में ही नहीं बल्कि विदेशो में भी फैला हुआ है। महेन्द्र के भाई मनीष गोयनका का ऑटोमोबाईल एवं लायसेंस प्राप्त सूदखोर का व्यवसाय था। मनीष का सूदखोरी में इतना आतंक था कि दलित परिवार के 6 सदस्यो ने आत्महत्या कर लिया था। तत्कालीन कलेक्टर ने मनीष गोयनका पुत्र सुशील गोयनका के खिलाफ जिलाबदर की कार्यवाही भी की थी। 

तत्कालीन कलेक्टर पर लगाया था रिश्वत का आरोप

सूत्रों के अनुसार कोतमा अनुपपुर जिले के रहवासी मनीष गोयनका पर पूर्व में सूदखोरी के आरोप भी लगते रहे है। ब्याज न चुका पाने पर जमुना कालोनी निवासी मुन्ना रजक मां पत्नी और बच्चों सहित परिवार के 6 सदस्यो ने आत्महत्या कर लिया था। तत्कालीन कलेक्टर ने इस घटना के दौरान मनीष को जिलाबदर का आदेश दिया था। अपने रसूख के चलते गोयनका बंधुओ ने आदेश को रद्द करा दिया था। इस घटना के बाद गोयनका बंधुओ ने अवैध कमाई के जरिए अपने काले साम्राज्य को दूसरे राज्यों में भी फैला लिया।

आईएएस एवं आईपीएस का मिला सहारा

 खनन करोबारी महेन्द्र गोयनका के रसूख के आगे वन विभाग के अफसरों से लेकर आईएएस एवं आईपीएस अफसर भी नतमस्तक रहे है। अफसरों एवं अन्य लोगों की ब्लैक मनी की दम पर रातो-रातो हजारों करोड़ों का साम्राज्य एकत्रित कर लिया। गोयनका बंधुओं की कलई हाल ही में राजेश शर्मा के साथ जमीन में किए गए इन्वेस्टमेंट के बाद खुल गई है। 

कमजोर खिलाड़ी नहीं गोयनका बंधु

सूत्रों के अुनसार महेन्द्र गोयनका का भाई मनीष गोयनका ने सूदखोरी की दम पर खासा साम्राज तैयार किया था। हालांकि उक्त सुदखोरी के कार्य के चलते उनके रहवासी जिले में कुछ लोग पीड़ित थे। गोयनका पर उक्त आरोप-प्रत्यारोप भी सूदखोरी के लगते रहे। हालांकि उक्त मामलों का मुकाबला भी गोयनका बंधुओं ने किया। उन्होंने तत्कालीन कलेक्टर एवं एसडीएम की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़े करते हुए उन्हें न्यायिक कटधरे में खड़ा कर दिया था। 

300 करोड़ की जमीन खरीदी मामले से आए सुर्खियों में

 गौरतलब है कि एमपी के जबलपुर और कटनी में माइनिंग का कारोबार करने वाला रायपुर का माइनिंग कारोबारी महेंद्र कुमार गोयनका का नाम भोपाल में 300 करोड़ की जमीन खरीदी के मामले में सुर्खियों में आने के बाद वह पत्नी वीनू गोयनका के साथ विदेश चला गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आयकर विभाग की कार्रवाई होते ही महेंद्र गोयनका दक्षिण अफ्रीका के महाद्वीप सोमाली लैंड पहुंच गया है। महेंद्र गोयनका का खदानों का कारोबार सोमाली लैंड में भी फैला हुआ है। उल्लेखनीय हैं कि निसर्ग इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक महेंद्र गोयनका रायपुर का रहने वाला है और उसका जबलपुर, कटनी में भी माइनिंग का बिजनेस है।

फर्जी दस्तावेज तैयार करने का महारथी है गोयनका

महेंद्र गोयनका और उसकी पत्नी वीनू फर्जी दस्तावेज तैयार करने के महारथी माने जाते है। सूत्रों की माने तो गोयनका ने फर्जी हस्ताक्षर कर के कई कामनियो को हड़प लिया है। दस्तावेज तैयार करने में पत्नी को मास्टर माइंड बताया जाता है। इतना ही नहीं गोयनका ने अपने परिचितों के नाम पर बेनामी संपत्ति भोपाल सहित अन्य स्थानों पर खरीदी है, जो जांच का विषय है।