नई दिल्ली। भाजपा प्रवक्ता शाजिया इल्मी ने कहा कि लोग 13 मई को सुबह मुख्यमंत्री आवास में हुई घटना का काला सच जानना चाहते हैं। आखिर दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष व सांसद स्वाति मालीवाल को किन परिस्थितियों में पीसीआर को दो कॉल करने के बाद थाने में जाकर मौखिक शिकायत करनी पड़ी। घटना के 32 घंटे बाद सांसद संजय सिंह ने मालीवाल के साथ मुख्यमंत्री आवास में दुर्व्यहार की पुष्टि करते हैं। उन्होंने ने कहा था कि मुख्यमंत्री ने इसका संज्ञान लिया है। यह कैसा संज्ञान लिया गया है कि दो दिनों तक एक महिला सांसद गायब हैं। वह सुरक्षित हैं या नहीं इसकी कोई जानकारी नहीं मिल रही है। इससे कई तरह की शंका उत्पन्न होती है। मुख्यमंत्री के आवास में महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष सुरक्षित नहीं हैं। इस स्थिति में दिल्ली की महिलाएं इस सरकार से क्या उम्मीद रख सकती हैं। प्रेसवार्ता में उन्होंने कहा, वह आम आदमी पार्टी में रह चुकी हैं। वहां की गंदगी के बारे में जानती हैं और यही कारण है कि उन्होंने पार्टी छोड़ दी। इस पार्टी का असली चेहरा व चरित्र सभी के सामने है। इससे पहले वर्ष 2018 में तत्कालीन मुख्य सचिव अंशु प्रकाश से मुख्यमंत्री आवास में मारपीट की जाती है। आप विधायक अमानतुल्लाह व प्रकाश जरवाल के खिलाफ आरोप पत्र भी दाखिल हुआ था। उन्होंने कहा केजरीवाल को बताना चाहिए कि महिला सांसद से मारपीट करने वाले विभव कुमार के विरुद्ध क्या कार्रवाई की गई। क्या मुख्यमंत्री के कहने पर विभव कुमार ने मालीवाल के साथ मारपीट की और इसलिए उन्हें बचाया जा रहा है। क्या मालीवाल को चुप रहने के लिए धमकाया जा रहा है। पुलिस ने अभी तक इस घटना को लेकर एफआइआर क्यों दर्ज नहीं की? उन्होंने कहा, कुछ वर्ष पूर्व आप कार्यकर्ता सोनी मिश्रा ने तत्कालीन आप विधायक शरत चौहान पर प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए केजरीवाल से शिकायत की थी। केजरीवाल ने उन्हें समझौता करने को कहा था और सोनी मिश्रा आत्म हत्या करने पर मजबूर हुई थीं। क्या मालीवाल पर भी समझौता करने के लिए दबाव डाला जा रहा है। उन्होंने आइएनआइडी गठबंधन के नेताओं की चुप्पी पर भी प्रश्न उठाया।